रावण अच्छा भला आदमी था, ज्ञानी, वीर और अदम्य साहसी। अपनी तपस्या से शिव जी तक को प्रसन्न कर दिया था। औरत के चक्कर में कट गए भाईसाहब। खुद के सिर कटवाए, बहन की नाक। कुम्भकरण को बड़ी नींद आती थी, इनके चक्कर में हमेशा के लिए सो गया। और देखा जाए तो किया भी क्या था ? सीता जी को private jet से लाये, सारी facilities वाले Sri Lankan Royal Suite में रखा, नौकर चाकर, खाना पीना सब कुछ। सबसे बड़ी बात छुआ तक नहीं, फिर भी राम जी को दया नहीं आई, चला दिया तीर नाभि पर। उन्होंने मारा वो तो ठीक, हम और हर साल पुतला जलाकर खुश होते रहते है। कुल मिलाकर खाया पिया कुछ नहीं, ग्लास तोडा बारह आना।

जो भी हो सही यही होगा की रावण से घृणा करने की बजाय हम राम के सद्कर्मों को अपना आदर्श बनाए।
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